12 जून 2025 की वह सुबह जिन लोगों के लिए नॉर्मल यात्रा का हिस्सा थी, वो उन पैसेंजर्स के लिए कोखफ़र्श का कारण बन गई। लेकिन इन सात लोगों के लिए? उनकी ज़िंदगी शायद उन ही छोटे-छोटे फैसलों की वजह से बच गई—ये कहानी उनका शुक्रगुज़ार होने का दस्तावेज़ है:
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यमन व्यास—मां की इमोशनल अपील पर फ्लाइट कैंसिल की।
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जैमिन और प्रिया पटेल—विजा डॉक्यूमेंटेशन के “एक पेपर” न होने से बोर्ड नहीं कर पाए।
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सवजी टिम्बाडिया—सफ़र से पहले अचानक आई ख़राब-सी फीलिंग, उन्होंने ही घर बैठना चुना।
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भूमि चौहान—भारी ट्रैफिक की वजह से गेट तक पहुंचने से चूक गईं।
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जयेश ठक्कर—कोलकाता में ज़िम्मेदारियों के कारण फ्लाइट को समय पर पकड़ नहीं पाए।
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रवजी पटेल—अपने बेटे-बहू को होटल से लेने के बाद “थोड़ा रुकना” चुना—और ज़िंदगी बची।
इनकी-न-इनकी ज़िंदादिली या इरादे, लेकिन आज वे सभी जिंदा हैं, जबकि वही फ्लाइट AI‑171, अहमदाबाद से लंदन के रास्ते में, एक भयानक हादसे का शिकार हो गई थी।