🗳️ NDA का सीट बंटवारा तय — BJP और JDU को 101-101 सीटें
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने अपना सीट-शेयरिंग फॉर्मूला अंतिम रूप दे दिया है। लंबे वार्ता-चक्र और दलों के बीच समझौते के बाद भाजपा और जदयू को बराबर सीटें मिलीं, जबकि छोटे सहयोगियों को भी हिस्सेदारी दी गई है।
🔸 सीट बंटवारे का पूरा विवरण
पार्टी का नाम | सीटों की संख्या |
---|---|
भारतीय जनता पार्टी (BJP) | 101 |
जनता दल (यूनाइटेड) — JDU | 101 |
लोक जनशक्ति पार्टी (Ram Vilas) — LJP | 29 |
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) | 6 |
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति मोर्चा (RLM) | 6 |
कुल विधानसभा सीटें | 243 |
🔹 NDA में बराबरी का निर्णय — क्या मायने रखता है?
भाजपा और जदयू के बीच 101-101 की बराबरी यह दर्शाती है कि दोनों दल इस बार समान रूप से मैदान में उतरेंगे। यह फॉर्मूला अंदरूनी संतुलन बनाए रखने और दोनों भागीदारों की स्थानीय क्षमताओं का सम्मान करने का संकेत है।
सहयोगियों की भूमिका
LJP को 29 सीटें दी गई हैं — जो पारंपरिक रूप से सीमांचल और कुछ पूर्वी जिलों में प्रभावी मानी जाती हैं। HAM और RLM को 6-6 सीटें देकर NDA ने छोटे दलों की प्रतिष्ठा बनाए रखी है और स्थानीय समीकरणों को संतुलित किया है।
NDA के एक वरिष्ठ नेता ने कहा: “हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे — हमारा उद्देश्य विकास और स्थिरता है।”
🔸 विपक्ष की प्रतिक्रिया
NDA के फॉर्मूले के बाद RJD-कांग्रेस और अन्य विपक्षी घटकों में सीट-विन्यास और रणनीति पर चर्चा तेज हुई है। विपक्ष अब अपने गठबंधन और संभावित उम्मीदवारों की सूची अंतिम करने में जुटा है।
🔹 इससे चुनावी परिदृश्य पर क्या असर पड़ेगा?
- भाजपा-JDU की बराबरी से दोनों दलों के बीच सीट-विवाद की संभावना कम हो सकती है।
- LJP और छोटे दल सीमांचल/आंचलिक प्रभाव क्षेत्र में NDA के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।
- विपक्षी गठबंधनों की प्रतिक्रिया और प्रत्याशियों के ऐलान के बाद मुकाबला और रोचक बनेगा।
निष्कर्ष — NDA का सीट बंटवारा तय होने के बाद बिहार में चुनावी युद्ध पेट्रोल की तरह गरम हो गया है। अब अगले चरण में प्रत्याशी-घोषणाएँ, प्रचार अभियान और स्थानीय समीकरण पर नजर होगी।